तकलीफ खुद ही कम हो गई
More Gulzar Shayari in Hindi
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
उम्र जाया कर दी औरों के वजूद में नुक्स निकालते
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में