तकलीफ खुद ही कम हो गई
More Gulzar Shayari in Hindi
तकलीफ खुद ही कम हो गई
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
क्या पता कब कहाँ मारेगी
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई