तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
More Gulzar Shayari in Hindi
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
भूलने की कोशिश करते हो
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते
थम के रह जाती है जिंदगी
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
क्या पता कब कहाँ मारेगी