तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
More Gulzar Shayari in Hindi
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
तकलीफ खुद ही कम हो गई