थम के रह जाती है जिंदगी
More Gulzar Shayari in Hindi
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं
थम के रह जाती है जिंदगी
भूलने की कोशिश करते हो