थम के रह जाती है जिंदगी
More Gulzar Shayari in Hindi
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
क्या पता कब कहाँ मारेगी
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं