थम के रह जाती है जिंदगी
More Gulzar Shayari in Hindi
तकलीफ खुद ही कम हो गई
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
क्या पता कब कहाँ मारेगी
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ