थम के रह जाती है जिंदगी
More Gulzar Shayari in Hindi
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
क्या पता कब कहाँ मारेगी
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी