जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
More Gulzar Shayari in Hindi
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
क्या पता कब कहाँ मारेगी
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता