ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
More Gulzar Shayari in Hindi
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
थम के रह जाती है जिंदगी
भूलने की कोशिश करते हो
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन