भूलने की कोशिश करते हो
More Gulzar Shayari in Hindi
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी
तकलीफ खुद ही कम हो गई
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर