कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
More Gulzar Shayari in Hindi
बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
उम्र जाया कर दी लोगों ने
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
भूलने की कोशिश करते हो
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है