कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
More Gulzar Shayari in Hindi
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर