मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
More Gulzar Shayari in Hindi
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
क्या पता कब कहाँ मारेगी
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा