मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
More Gulzar Shayari in Hindi
तकलीफ खुद ही कम हो गई
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ