मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
More Gulzar Shayari in Hindi
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
भूलने की कोशिश करते हो
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
उम्र जाया कर दी लोगों ने
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने