नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
More Gulzar Shayari in Hindi
अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
भूलने की कोशिश करते हो
उम्र जाया कर दी लोगों ने
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
क्या पता कब कहाँ मारेगी
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब