नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
More Gulzar Shayari in Hindi
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
तकलीफ खुद ही कम हो गई
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर