थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
More Gulzar Shayari in Hindi
कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते
उम्र जाया कर दी लोगों ने
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
उम्र जाया कर दी औरों के वजूद में नुक्स निकालते
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता