कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते
More Gulzar Shayari in Hindi
अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं