तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
More Gulzar Shayari in Hindi
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
भूलने की कोशिश करते हो
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने