मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
More Gulzar Shayari in Hindi
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
थम के रह जाती है जिंदगी
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
भूलने की कोशिश करते हो
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
उम्र जाया कर दी औरों के वजूद में नुक्स निकालते