मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
More Gulzar Shayari in Hindi
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
थम के रह जाती है जिंदगी
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा