आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
More Gulzar Shayari in Hindi
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
उम्र जाया कर दी औरों के वजूद में नुक्स निकालते
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में