तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
More Gulzar Shayari in Hindi
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं
थम के रह जाती है जिंदगी
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
भूलने की कोशिश करते हो
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
उम्र जाया कर दी औरों के वजूद में नुक्स निकालते
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में