तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
More Gulzar Shayari in Hindi
क्या पता कब कहाँ मारेगी
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
उम्र जाया कर दी लोगों ने
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन