तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
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मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी
उम्र जाया कर दी लोगों ने
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
क्या पता कब कहाँ मारेगी
कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर