क्या पता कब कहाँ मारेगी
More Gulzar Shayari in Hindi
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
थम के रह जाती है जिंदगी
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
क्या पता कब कहाँ मारेगी
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है