हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
More Gulzar Shayari in Hindi
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
तकलीफ खुद ही कम हो गई
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
मैं तो चाहता हूँ हमेशा मासूम बने रहना
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है