हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
More Gulzar Shayari in Hindi
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं
थम के रह जाती है जिंदगी
तकलीफ खुद ही कम हो गई