लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
More Gulzar Shayari in Hindi
तकलीफ खुद ही कम हो गई
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं