बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी
More Gulzar Shayari in Hindi
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
भूलने की कोशिश करते हो
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
तकलीफ खुद ही कम हो गई