अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं
More Gulzar Shayari in Hindi
तकलीफ खुद ही कम हो गई
उम्र जाया कर दी औरों के वजूद में नुक्स निकालते
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता