ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
More Gulzar Shayari in Hindi
चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं