मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
More Gulzar Shayari in Hindi
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
भूलने की कोशिश करते हो
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
नहीं रहूँगा मैं तब भी रहूँगा
हम ने अकसर तुम्हारी राहों में
बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
थोड़ा सुकून भी ढूँढिये जनाब