मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
More Gulzar Shayari in Hindi
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
बुझ जाएंगी सारी आवाजें यादें यादें रह जाएंगी
तुम मिले तो क्यों लगा मुझे खुद से मुलाकात हो गई
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
क्या पता कब कहाँ मारेगी
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता