तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
More Gulzar Shayari in Hindi
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला
तकलीफ खुद ही कम हो गई
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
आखिर कह ही डाला उसने एक दिन
थम के रह जाती है जिंदगी
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
उम्र जाया कर दी औरों के वजूद में नुक्स निकालते
भूलने की कोशिश करते हो
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है