तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
More Gulzar Shayari in Hindi
मेरी लिखी हर बात को कोई समझ नहीं पाता
भूलने की कोशिश करते हो
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
उम्र जाया कर दी लोगों ने
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है