तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
More Gulzar Shayari in Hindi
तकलीफ खुद ही कम हो गई
जिंदगी ये तेरी खरोंचे हैं मुझ पर
तेरे शहर तक पहुँच तो जाता
कब आ रहे हो मुलाक़ात के लिए
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए हैं
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
तारीफ़ अपने आप की करना फ़िज़ूल है
पनाह मिल जाए रूह को जिसका हाथ थामकर
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए