चखकर देखी है कभी तन्हाई तुमने
More Gulzar Shayari in Hindi
ये माना इस दौरान कुछ साल बीत गए
कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते
ख्वाईशें तो आज भी बगावत करना चाहती है
लगता है जिंदगी आज कुछ ख़फ़ा है
अक्सर वही दिये हाथों को जला देते हैं
मैं कभी सिगरेट पीता नहीं
मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में
ऐ उम्र अगर दम है तो कर दे इतनी सी खता
पलक से पानी गिरा है तो उसको गिरने दो
थम के रह जाती है जिंदगी