Shahid Bhagat Singh Quotes in Hindi Collection
मेरा धर्म देश की सेवा करना है
जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है
मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित
अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास
इंसानों को कुचलकर आप उनके विचारो को नही मार सकते
मेरा धर्म सिर्फ देश की सेवा करना है
दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत
इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के
क्रांतिकारी सोच के दो आवश्यक लक्षण है
व्यक्ति की हत्या करना सरल है
महान साम्राज्य ध्वंस हो जाते हैं पर विचार जिंदा रहते हैं
लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा
सिने पर जो ज़ख्म है सब फूलों के गुच्छे हैं
यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत