यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत
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सिने पर जो ज़ख्म है सब फूलों के गुच्छे हैं
यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत
लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा
दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत
इंसानों को कुचलकर आप उनके विचारो को नही मार सकते
मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित
अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है
मेरा धर्म सिर्फ देश की सेवा करना है
क्रांतिकारी सोच के दो आवश्यक लक्षण है