कौन समझ पाया है आज तक हमें
More 2 Line Shayari in Hindi
शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना
उम्र कटी दो अल्फ़ाज़ में एक आस में एक काश में
कौन समझ पाया है आज तक हमें
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों से मुझको
जो मांगू वो दे दिया कर ए जिंदगी
एक उम्र थी जादू पर भी यकीन था
फुरसत में ही याद कर लिया करो हमें
कहां जख्म खोल बैठा पगले यह नमक का शहर है
लिया मुझे तूफ़ाँ की मौज ने वरना
सुनने वाला ही न सुन पाए तो ये बात अलग है