कहां जख्म खोल बैठा पगले यह नमक का शहर है
More 2 Line Shayari in Hindi
सुनने वाला ही न सुन पाए तो ये बात अलग है
ऐलान उसका देखिए कि वो मजे में है
फितूर होता है हर उम्र में जुदा जुदा
सीख नहीं पा रहा हूँ मीठे झूठ बोलने का हुनर
जो मांगू वो दे दिया कर ए जिंदगी
शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना
कहां जख्म खोल बैठा पगले यह नमक का शहर है
उम्र कटी दो अल्फ़ाज़ में एक आस में एक काश में
तहजीब अदब और सलीका भी तो कुछ है
ख्वाहिशों ने सिखाया कि मचलना कैसे है