कहां जख्म खोल बैठा पगले यह नमक का शहर है
More 2 Line Shayari in Hindi
ख्वाहिशों ने सिखाया कि मचलना कैसे है
उजालों में मिल ही जाएगी कोई ना कोई
उड़ने दो मिट्टी कहां तक जाएगी
मेरे मरने पर तो लाखो रोने वाले हैं
फुरसत में ही याद कर लिया करो हमें
रूह का सकून है इश्क शर्त है सही इंसान से हो
कहां जख्म खोल बैठा पगले यह नमक का शहर है
तुम तस्वीरें बदलो मैं तारीफ के तरीके
लिया मुझे तूफ़ाँ की मौज ने वरना
तहजीब अदब और सलीका भी तो कुछ है