प्रगति के अंकुर उस घर में ही फुंटते हैं
More Suvichar in Hindi
जब दुनिया कहती है कि हार मान लो
अगर आपको अपने लक्ष्य के अलावा
कभी भी किसी जरूरतमंद को अपनी चौखट पर जलील मत कीजिए
आज के परिणाम अतीत के कर्मों से तय होते हैं
अज्ञानी होना गलत नहीं है अज्ञानी बने रहना गलत है
तुम पानी जैसे बनो जो अपना रास्ता खुद बनाता है
प्रगति के अंकुर उस घर में ही फुंटते हैं
कोई भी पीछे जाकर नई शुरुआत नहीं कर सकता
हजारों दीयों को एक ही दिए से बिना
मृत्यु दुखों का अंत नहीं है