जो आज किसी एक के लिए सच है
More Ummid Status in Hindi
ज़्यादा उम्मीद मत लगा इंसान ही तो है
वक्त चाहे कितना भी अंधकारमय क्यों न लगे
उनकी आँखों से रखे क्या कोई उम्मीद - ए-करम
उम्मीद वर्षों से दहलीज़ पर खड़ी वो मुस्कान है
उम्मीद ऐसी न थी महफिल के अर्बाब-ए- बसीरत से
जो आज किसी एक के लिए सच है
उम्मीदों से बंधा एक जिद्दी परिंदा है इंसान
उम्मीद एकमात्र ऐसा परम झूठ है
उम्मीद तो बाँध जाती तस्कीन तो हो जाती
कहने को लफ्ज दो हैं उम्मीद और हसरत