रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ
अब सोच रहे हैं सीख ही ले हम भी बेरुखी करना
अब सोच रहे हैं सीख ही ले हम भी बेरुखी करना
मोहब्बत देते दते सबको हमने अपनी ही कद्र खो दी
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से
अगली मोहब्बत में तुम्हे फिर इनकी जरुरत पड़ेगी
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है
ज़िन्दगी सिर्फ मोहब्बत नहीं कुछ और भी है
जुल्फों-रुखसार की जन्नत नहीं कुछ और भी है
भूख और प्यास की मारी हुई इस दुनिया में
इश्क ही एक हकीकत नहीं कुछ और भी है
शाख से तोड़े हुए फूल ने हंस कर ये कहा
शाख से तोड़े हुए फूल ने हंस कर ये कहा
अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में
नजर-अंदाज़ करते हो लो हट जाते हैं नजरो से
नजर-अंदाज़ करते हो लो हट जाते हैं नजरो से
इन्हीं नजरों से ढूढ़ोगे नजर जब हम न आएंगे
कद्र हर शाये कि हुआ करती है खो जाने पर
कद्र हर शाये कि हुआ करती है खो जाने पर
तुम उन्हें याद करोगे जो अभी तुम्हे याद नहीं
मुझे यकीन है मोहब्बत उसको कहते हैं
मुझे यकीन है मोहब्बत उसको कहते हैं
कि ज़ख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये
वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है
वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है
वो कोई गैर होता नहीं अपना रिश्तेदार होता है
किसी से अपने दिल की तू कहना न भूले से
यहाँ खत भी जरा सी देर में अखबार होता है
तरस गए हैं थोरी सी वफ़ा के लिए
तरस गए हैं थोरी सी वफ़ा के लिए
किसी से प्यार न करेंगे खुदा के लिए
जब भी लगती है इश्क कि अदालत
हम ही चुने जाते हैं सज़ा के लिए
डूबी हैं मेरी उँगलियाँ खुद अपने लहू में
डूबी हैं मेरी उँगलियाँ खुद अपने लहू में
ये काँच के टुकड़ों को उठाने की सजा है
नहीं होता यकीन फिर भी कर ही लेता हूँ
नहीं होता यकीन फिर भी कर ही लेता हूँ
जहाँ इतने हुए और फरेब हो जाने दो
हसना ही तन्ज़ है तो हसने का क्या तकल्लुफ
हसना ही तन्ज़ है तो हसने का क्या तकल्लुफ
क्यूँ ज़हर दे रहे हो मोहब्बत मिला मिला कर
हम जा रहे हैं बहां जहाँ दिल की हो कदर
हम जा रहे हैं बहां जहाँ दिल की हो कदर
बैठे रहो तुम अपनी अदाएं लिए हुए
आँसू आ जाते हैं रोने से पहले
आँसू आ जाते हैं रोने से पहले
ख्वाब टूट जाते हैं सोने से पहले
लोग कहते हैं मोहब्बत गुनाह है
कोई रोक लेता इसे होने से पहले